*इन्द्रजीत कुमार शर्मा*
मैं यह सोचती हूं कि भोजपुरी भाषा का प्रयोग पूरे विश्व मे किया जाने लगा है इससे हमारी भोजपुरी जगत को नया आयाम मिला है । लेकिन हमारे समाज के कुछ लोग इस भाषा में अश्लिलत घोल कर इसकी ख्याति एवं स्मृद्धि को नष्ट कर रहे है ।भोजपुरी को आठवीं अनुसूची में शामिल करने से पहले अश्लिलता को खत्म करनी होगी । जिसके लिए सभी लोगो को जागरूक होने की आवश्य्कता है ।